1707 में औरंगज़ेब की मृत्यु के पश्चात् उत्तर मुगल काल में मुगल बादशाह मात्र प्रतीकात्मक रह गए और उनकी सत्ता की बागडोर ईरानी, तूरानी गुट और हिंदुस्तानी मूल के अमीर सैय्यद बंधुओं के पास आ गई। 18वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही वैभवशाली मुगल साम्राज्य का पतन तेज़ी से होने लगा और मुगल साम्राज्य के इन्हीं अवशेषों पर अनेक क्षेत्रीय राजनीतिक शक्तियों का प्रादुर्भाव हुआ, जिससे कई स्वतंत्र राज्य अस्तित्व में आए। इन स्वतंत्र राज्यों के विवरण निम्नलिखित हैं-
कर्नाटक
|
बंगाल के नवाब | |
शुजाउद्दीन | 1727-1739 ई. |
सरफ़राज खाँ | 1739-1740 ई. |
अलीवर्दी खाँ | 1740-1756 ई. |
सिराजुद्दौला | 1756-1757 ई. |
मीर जाफ़र | 1757-1760 ई. |
मीर कासिम | 1760-1763 ई. |
मीर जाफ़र (दूसरी बार) | 1763-1765 ई. |
नज्मुद्दौला | 1765-1766 ई. |
शैफ-उद-दौला | 1766-1770 ई. |
18वीं शताब्दी के स्वतंत्र नवीन राज्य एवं उनके संस्थापक | |
स्वतंत्र राज्य | राज्य |
हैदराबाद | निजाम-उल-मुल्क (चिनकिलिच खाँ) |
कर्नाटक | सआदतउल्ला खाँ |
बंगाल | मुर्शिद कुली खाँ |
अवध | सआदत खाँ (बुरहान-उल-मुल्क) |
मैसूर | हैदर अली |
केरल (त्रावणकोर) | मार्तड वर्मा |
जाट
|
सीखों के 10 गुरु | ||
क्र. | सिख गुरु | संबंधित अतिमहत्त्वपूर्ण तथ्य |
1. | गुरु नानक | सिख धर्म के संस्थापक |
2. | गुरु अंगद | सिख धर्म के प्रचार में विशेष योगदान, गुरुमुखी लिपि का आविष्कारक |
3. | गुरु अमरदास | लंगर प्रथा को स्थायी बनाया, मंझी प्रथा का विस्तार तथा सती प्रथा का विरोध |
4. | गुरु रामदास | समकालीन अकबर के साथ मैत्री संबंध बनाए, अमृतसर शहर बसाया |
5. | गुरु अर्जुन देव | आदिग्रंथ का संकलन, तरनतारन तथा करतारपुर नामक शहर बसाया. जहाँगीर द्वारा इनकी हत्या कराई गई |
6. | गुरु हरगोबिंद | अमृतसर नगर में अकाल तख्त की स्थापना, सिखों को लड़ाकू कौम में बदला, कश्मीर में कीरतपुरा नगर बसाया |
7. | गुरु हर राय | दारा शिकोह से अच्छे संबंध, शांत एवं एकांत जीवन व्यतीत किया |
8. | गुरु हरकिशन | चेचक के कारण मृत्यु |
9. | गुरु तेग़बहादुर | आनंदपुर साहिब की स्थापना, हिंदू धर्मप्रबल समर्थक, औरंगज़ेब द्वारा हत्या |
10. | गुरु गोबिंद सिंह | खालसा पंथ की स्थापना, सिखों में 'पाहुल प्रथा' की शुरुआत, औरंगज़ेब से निरंतर संघर्ष, सिखों के अंतिम गुरु, जफ़रनामा (फारसी) की रचना |